भारत में जब भी धर्म और संस्कृति की बात होती है, तो भगवान श्रीराम का नाम श्रद्धा से लिया जाता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है — श्रीराम का जन्म कब हुआ था? क्या यह एक ऐतिहासिक घटना थी या केवल धार्मिक विश्वास? आइए जानते हैं पूरे वैज्ञानिक, खगोलीय और धार्मिक दृष्टिकोण से।

श्रीराम का जन्म: धार्मिक मान्यता
त्रेतायुग, चार युगों में से दूसरा युग है:
उनका जन्म अयोध्या के राजा दशरथ और रानी कौशल्या के घर हुआ था।
वाल्मीकि रामायण में खगोलीय संकेत
"कर्कटे च पुनर्वासौ ज्येष्ठा योगे शुभे तिथौ।
सर्वग्रहेषु कर्कटे लग्ने च अभिजिते शुभे॥"
इसका अर्थ:
चंद्रमा पुनर्वसु नक्षत्र में था
सूर्य मेष राशि में था
गुरु (बृहस्पति) कर्क राशि में
मंगल मकर में
लग्न कर्क में और वह अभिजीत मुहूर्त था
वैज्ञानिक गणना: 10 जनवरी 5114 BCE
10 जनवरी 5114 BCE को यह सभी ग्रह स्थिति मौजूद थी।
रामायण की टाइमलाइन (अनुमानित):
घटना समय (BCE)
श्रीराम का जन्म 5114 BCE
वनवास आरंभ 5074 BCE
लंका विजय 5070 BCE
राज्याभिषेक 5069 BCE
रामसेतु और पुरातात्विक संकेत
NASA द्वारा ली गई सैटेलाइट इमेज में भारत और श्रीलंका के बीच एक पत्थरों की लाइन दिखाई देती है, जिसे रामसेतु या आदम ब्रिज कहा जाता है।
भूगर्भ वैज्ञानिकों के अनुसार यह संरचना लगभग 5,000 से 7,000 साल पुरानी हो सकती है।
यह रामायण की कथा के साथ मेल खाती है, लेकिन आधिकारिक रूप से इसे अभी तक प्रमाणित इतिहास नहीं माना गया है।